चुनाव और लोकतंत्र
एक सिक्के के
दो पहलू हैं
। लोकतंत्र में
चुनाव का अत्याधिक
महत्व है। इसमें
मुख्य निर्वाचन आयोग
की महत्त्वपूर्ण भूमिका
होती हैं जैसे:-
मुख्य निर्वाचन आयोग
की नियुक्ति - राष्ट्रपति
द्वारा होती हैं
। इनका कार्यकाल
- छ : वर्ष या
65 वर्ष की आयु
तक होता हैं
। इनका वेतन
- उच्चतम न्यायालय के न्यायधीश
के समान होता
है । इनका
कार्य ,मतदाता सूची तैयार
करना , चुनाव कार्यक्रम तय
करना , स्वतंत्र एवं निष्पक्ष
चुनाव कराना ,राष्ट्रीय
एक राज्यपार्टी के
रूप में दलों
/ पार्टियों का मान्यता
देना ,चुनावों का
निरीक्षण करना ,राष्ट्रपति - उपराष्ट्रपति
का चुनाव कराना
।
भारत की चुनाव
प्रक्रिया के विभिन्न
चरण होते हैं
जैसे - चुनाव
आयोग द्वारा अधिसूचना
जारी होना ,चुनावों
की तिथि , आवेदन
करने , नाम वापस
लेने की तिथि
तैयार करना,चुनाव
प्रचार तथा चुनाव
प्रचार की निगरानी
करना , तय तिथि
पर चुनाव स्वतंत्र
एवं निष्पक्ष कराना
, मतगणना कराना तथा चुनाव
परिणाम घोषित करना ,चुनाव
अधिकारियों की नियुक्ति
करना, मतदान केन्द्रों
की स्थापना करना
।
भारत की
चुनाव प्रणाली की
प्रमुख विशेषताएं हैं।जैसे :- भारत
में "सर्वाधिक मत से
जीत की प्रणाली
" को अपना रखा
है इसकी विशेषताएं
है ,यह सरल
है ,इसमें प्रतिनिधि
जनता के प्रति
जवाब देह होते
है ,मतदाता एवं
प्रतिनिधि का प्रत्यक्ष
सम्पर्क रहता है
,यह प्रणाली क्षेत्रीय
प्रतिनिधित्व लोकतंत्रीय सिद्धान्त पर
आधारित है ,इसमें
खर्च कम आता
है ,इस प्रणाली
से राष्ट्रीय एकता
को बल मिलता
है ।
चुनाव और लोकतंत्र
एक सिक्के के
दो पहलू है
। क्योंकि प्रतिनिधि
चुनाव जीत कर
सरकार में जनता
की भागीदारी सुनिश्चित
करते है ,चुना
हुआ प्रतिनिधि जनमत
के अनुसार काम
करेगा ,इस व्यवस्था
में जनता में
आत्मविश्वास की भावना
बढ़ती है ,लोकतंत्र
में उचित प्रतिनिधित्व
जरूरी है जो
चुनाव द्वारा ही
संभव है ,नागरिकों
के अधिकारों एवं
स्वतंत्रता की सुरक्षा
उचित प्रतिनिधित्व से
ही है ,उचित
प्रतिनिधित्व से राष्ट्रीय
एकता को बल
मिलता है ।भारत
में 17 वां लोकसभा
चुनाव आयोजित होने
वाला है और
23 मई 2019 को
वोटों की गिनती
होगी। भारत में
543 सीटों पर 10 लाख मतदान
केंद्रों पर 90 करोड़ से
भी ज्यादा लोग
वोट देंगे ।
चुनाव आयोग ने
543 सीटों को कई phases में बांटा
हैं ;-
11 अप्रैल को लोकसभा
चुनाव के चरण
1 में 91 सीटें, 20 राज्य हैं
:-
20 राज्यों
में फैले कुल
91 निर्वाचन क्षेत्रों में 11 अप्रैल,
2019 को मतदान होगा। आंध्र
प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम,
बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू और
कश्मीर, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय,
मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, सिक्किम,
तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश,
उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, अंडमान
और लक्षद्वीप।
18 अप्रैल को लोकसभा
चुनाव के चरण
2 में: 97 सीटें, 13 राज्य हैं
: -
13 अप्रैल,
2019 को 13 राज्यों में फैले
कुल 97 निर्वाचन क्षेत्रों में
मतदान होगा। असम,
बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू और
कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मणिपुर,
ओडिशा, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर
प्रदेश, पश्चिम बंगाल, और
पुडुचेरी।
23 अप्रैल को लोकसभा
चुनाव के चरण
3 में 115 सीटें, 14 राज्य हैं:-
14 राज्यों
में फैले कुल
115 निर्वाचन क्षेत्रों में 23 अप्रैल
को मतदान होगा।
आसाम, बिहार, छत्तीसगढ़,
गुजरात, गोवा, जम्मू और
कश्मीर, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र,
ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम
बंगाल, दादरा और नगर
हवेली , और दमन
और दीव।
29 अप्रैल को लोकसभा
चुनाव के चरण
4 में 71 सीटें, 9 राज्य हैं:-
9 राज्यों में फैले
कुल 71 निर्वाचन क्षेत्रों में
29 अप्रैल को मतदान
होंगे ।बिहार, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, मध्य
प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान,
उत्तर प्रदेश और
पश्चिम बंगाल।
6 मई को लोकसभा
चुनाव के चरण
5 में 51 सीटें, 7 राज्य हैं:-
7 राज्यों में फैले
कुल 51 निर्वाचन क्षेत्रों में
6 मई को मतदान
होंगे ।बिहार, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, मध्य
प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश
और पश्चिम बंगाल।
12 मई को लोकसभा
चुनाव के चरण
6 में 59 सीटें, 7 राज्य हैं:-
7 राज्यों में फैले
कुल 59 निर्वाचन क्षेत्रों में
12 मई को मतदान
होंगे। दिल्ली-एनसीआर, बिहार,
हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश,
उत्तर प्रदेश और
पश्चिम बंगाल।
19 मई को लोकसभा
चुनाव के चरण
7 में 59 सीटें, 8 राज्य हैं
:-
8 राज्यों में फैले
कुल 59 निर्वाचन क्षेत्रों में
19 मई को मतदान
होंगे ।बिहार, झारखंड,
मध्य प्रदेश, पंजाब,
पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़ (UT), उत्तर
प्रदेश और हिमाचल
प्रदेश।
देश के विकास
के लिए इस
चुनाव में वोट
डालने जरूर मतदान
केंद्रों पर जाएं।
भारत की चुनाव प्रक्रिया के विभिन्न चरण
Reviewed by VIJAY KUMAR
on
April 12, 2019
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