गोह, जिसे गोयरा या विषखोपड़ा भी कहते हैं, अक्सर रेगिस्तानी या शुष्क स्थानों में पाए जाते हैं; उनकी मोटी चमड़ी और मजबूत पंजे इतने मजबूत हैं कि तीन या चार कुल्हाड़ी के वार से भी वह आसानी से नहीं टूटता!
पुराने जमाने में, आक्रमणकारी आक्रमण करते समय गोह को किले के ऊपर फेंकने के लिए गोह के पूंछ से रस्सी बांध दी जाती थी, जो इसकी इसी मजबूती और पंजों की मजबूत पकड़ से हुआ था! फिर गोह ने अपने पंजे से दीवार को कसकर पकड़ लिया, और फिर सैनिक उस रस्सी के सहारे किले पर चढ़ गए!
गोयरा के शरीर में कुछ बहुत महंगी चीजें पाई जाती हैं. गोयरा के जहरीले होने के बारे में बहुत सारी भ्रांतियां हैं, जिससे इसे लगातार मारा जा रहा है, जिससे ये जीव अब धीरे-धीरे मरने के कगार पर है!
Goh Kis Tarah ka Jaanavar Hai
Reviewed by VIJAY KUMAR
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November 05, 2023
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