ऐग्रिकल्चर ऑर्डिनेंस बिल 2020 कृषि बिल 2020 बीजेपी किसान मोर्चा
बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बलिया से सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि किसान मोर्चा के लोग ब्लॉक स्तर पर किसानों से लगातार संपर्क कर रहे हैं और उन्हें कृषि बिल के बारे में बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में असहमति सबका हक है लेकिन हम फैलाए जा रहे भ्रम को दूर कर रहे हैं जिसकी वजह से ज्यादा किसान इसके समर्थन में हैं। वीरेंद्र सिंह ने कहा कि बीजेपी के घोषणा पत्र में ही यह शामिल किया गया था कि किसानों की समृद्धि के लिए कानून बनाएंगे। घोषणापत्र पर भरोसे का संकट होता है और हमने इसे भरोसेमंद बनाने की पहल की है। पीएम के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की दिशा में किसानों की समृद्धि के लिए बनाया जा रहा कानून अहम कदम है।
राजधानी दिल्ली
कृषि बिल को लेकर संसद से सड़क तक विरोध के सुर देखते हुए अब बीजेपी किसान मोर्चा भी किसानों को बिल के बारे में समझाने में जुट गया है। किसान मोर्चा के साथ ही बीजेपी के सभी कार्यकर्ता भी 25 सितंबर को अपने अपने बूथ के लोगों से संपर्क करेंगे। तब से बीजेपी आत्मनिर्भर भारत सप्ताह की शुरूआत कर रही है, जो गांधी जयंती तक चलेगा। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ता अन्य मुद्दों के अलावा कृषि बिल को लेकर भी लोगों के सवालों का जवाब देंगे और बताएंगे कि यह बिल किसान विरोधी नहीं है बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ही एक कदम है
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बीजेपी नेता ने कहा कि अगर किसी को कोई भ्रम है तो हम संवाद के लिए तैयार हैं। लेकिन विरोध करने वाले वे लोग हैं जो आढ़तियों के खर्चे पर विरोध कर रहे हैं। मंडियों में आढ़तियों का आधिपत्य था और वह अपनी शर्तों पर किसानों से उनका उत्पाद लेते थे। अब सरकार किसानों को यह अधिकार दे रही है कि वह कहीं भी अपना उत्पाद बेच सकते हैं। मंडी कानून में कोई बदलाव नहीं किया गया है और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य हटाया जा रहा है। आढ़तियों को भी व्यवसाय करना चाहिए लेकिन किसानों को उनके उत्पाद की लाभकारी कीमत देकर।
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उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री संसद में कह चुके हैं कि नहीं हटा रहे हैं तो शंका की गुंजाइश ही कहां बचती है। तो बीजेपी का इतना पुराना सहयोगी अकाली दल क्यों विरोध कर रहा है? इस सवाल पर वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हमने उन्हें समझाया, वह नहीं समझ पाए तो उसकी वजह वह ही बेहतर जानें।
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