हार्ट अटैक के कारण व हार्ट अटैक के लक्षण :
जब हृदय की मांसपेशियों के ऊतकों का भाग निर्जीव हो जाता है तो उसे काम करना बंद कर देता है। इसे हि हृदय घात कहा जाता है। इसमें हृदय की मांस पेशियों के एक भाग को रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ रूद्र घाटी की संभावनाएं बढ़ जाती है हार्ट अटैक अधिक धूम्रपान, वसायुक्त भोजन के सेवन, पर्याप्त व्यायाम न करने व मोटापे की वजह से होता है। इस रोग में छाती के मध्य भाग में अचानक की का दर्द उभरता है। यह दर्द दाई बाह या जबड़े में फैल सकता है। इस दर्द की अवधि आधा घंटा होती है। इस दौरान रोगी का जी मचलाने लगता है सांस लेने में कठिनाई होती है पसीना छूटने लगता है तथा ठंड लगने लगती है।
हार्ट अटैक उपचार:
संतरा:
ह्रदय रोगियों के लिए संतरे का रस उपयोगी होता है ह्रदय रोगी को संतरे के रस में शहद मिलाकर दिया जाए तो उसे फौरन ऊर्जा मिलती है।
आंवला:
गाय के दूध के साथ पीसा हुआ आंवला पीने से हृदय को बल मिलता है। हार्ट अटैक के रोगियों को आंवला नियमित खाना चाहिए। सुखा हुआ आंवला और मिश्री को समान मात्रा में पीसकर हर रोज एक चम्मच लेने से हृदय को बल मिलता है। ह्रदय रोगियों को नित्य आंवले का मुरब्बा खाना चाहिए। इससे अन्य विकार भी नहीं होते। जिनको हृदय घात कि शंका हो उनके लिए एक आंवला नित्य खाना बेहद जरूरी है और जिंको हृदय घात नहीं हुआ उनको भी एक आवला हर रोज खाना चाहिए।
मौसमी:
मौसमी का नियमित प्रयोग हृदय रोग में उत्तम औषधि का कार्य करता है। इस में रक्त प्रवाह में बाधा पहुंचाने वाले कोलेस्ट्रॉल को शरीर से निकालने की क्षमता होती है। मौसमी के प्रयोग से रक्त वाहिन्या लचीली व कोमल हो जाती है। मौसमी के नियमित प्रयोग से हृदय रोग में काफी लाभ होता है।
अनार:
अनार का रस पीने से हृदय को बल मिलता है तथा बेचैनी दूर हो जाती है। हृदय रोगियों के लिए अनार का प्रयोग उपयुक्त औषधी है।
जब हृदय की मांसपेशियों के ऊतकों का भाग निर्जीव हो जाता है तो उसे काम करना बंद कर देता है। इसे हि हृदय घात कहा जाता है। इसमें हृदय की मांस पेशियों के एक भाग को रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ रूद्र घाटी की संभावनाएं बढ़ जाती है हार्ट अटैक अधिक धूम्रपान, वसायुक्त भोजन के सेवन, पर्याप्त व्यायाम न करने व मोटापे की वजह से होता है। इस रोग में छाती के मध्य भाग में अचानक की का दर्द उभरता है। यह दर्द दाई बाह या जबड़े में फैल सकता है। इस दर्द की अवधि आधा घंटा होती है। इस दौरान रोगी का जी मचलाने लगता है सांस लेने में कठिनाई होती है पसीना छूटने लगता है तथा ठंड लगने लगती है।
हार्ट अटैक उपचार:
संतरा:
ह्रदय रोगियों के लिए संतरे का रस उपयोगी होता है ह्रदय रोगी को संतरे के रस में शहद मिलाकर दिया जाए तो उसे फौरन ऊर्जा मिलती है।
आंवला:
गाय के दूध के साथ पीसा हुआ आंवला पीने से हृदय को बल मिलता है। हार्ट अटैक के रोगियों को आंवला नियमित खाना चाहिए। सुखा हुआ आंवला और मिश्री को समान मात्रा में पीसकर हर रोज एक चम्मच लेने से हृदय को बल मिलता है। ह्रदय रोगियों को नित्य आंवले का मुरब्बा खाना चाहिए। इससे अन्य विकार भी नहीं होते। जिनको हृदय घात कि शंका हो उनके लिए एक आंवला नित्य खाना बेहद जरूरी है और जिंको हृदय घात नहीं हुआ उनको भी एक आवला हर रोज खाना चाहिए।
मौसमी:
मौसमी का नियमित प्रयोग हृदय रोग में उत्तम औषधि का कार्य करता है। इस में रक्त प्रवाह में बाधा पहुंचाने वाले कोलेस्ट्रॉल को शरीर से निकालने की क्षमता होती है। मौसमी के प्रयोग से रक्त वाहिन्या लचीली व कोमल हो जाती है। मौसमी के नियमित प्रयोग से हृदय रोग में काफी लाभ होता है।
अनार:
अनार का रस पीने से हृदय को बल मिलता है तथा बेचैनी दूर हो जाती है। हृदय रोगियों के लिए अनार का प्रयोग उपयुक्त औषधी है।
हार्ट अटैक से कैसे बचें
Reviewed by VIJAY KUMAR
on
July 31, 2017
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